यादें :- Samarhill To Baluganj…..

आज फ़िर वो वक्त याद आ गया जब साथ चले थे..क्या दिन था वो भी|वो पांच सात मिनट के रास्ते में आधा घंटा लगा पर ये कोई रणनिती के तहत नही महज एक संयोग ही था| शायद न वो चाहती थी कि ये रास्ता ख्त्म हो और न मैं |आज किसी काम से बालुगंज जाना […]

यादें :- Samarhill To Baluganj…..

शाह फ़ैसल के इस्तीफे के मायने….

कुछ दिन पहले हमने देखा कि साल 2009 के यूपीएससी टॉपर शाह फ़ैसल ने इस्तीफा दिया है। कुछ लोग इसे राजनीतिक इच्छाशक्ति से लिया गया फैसला बता रहे हैं और कुछ लोग उनके धर्म को इस मामले में जोड़ कर उनको आतंकवादी कि संज्ञा दी रहा है। पर अगर सही मायनों में देखें तो आज में समय मे आईएएस या आईपीएस अधिकारी या तो अपनी सर्विस गन से आत्महत्या कर रहे है या समय से पहले रिटायरमेंट लेकर राजनीति की और आ रहे है।
इसके पीछे जो मुख्य कारण है इन अफसरों पर भ्रष्ट नेताओं का दवाब। पहले भ्रष्ट नेता दवाब में इन अधिकारियों से गलत या असवैंधानिक काम करवाते है और बाद में भर्ष्टाचार का ठीकरा इन अफसरों पर फोड़ा जाता है।
हाल ही में सीबीआई बनाम सीबीआई की लड़ाई में आपने देखा किस प्रकार राकेश अस्थाना और आलोक वर्मा एक दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए देखे गए। आलोक वर्मा ने जब राफेल मुद्दे पर निष्पक्ष जांच करनी चाही तो तुरंत उन्हें पद से हटा दिया गया। और इसके लिए उनके डिप्टी राकेश अस्थाना को उस पद पर बिठाने की बात की गई। राकेश अस्थाना ने आलोक वर्मा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा कर उन्हें पद से हटाने की बात की गई।
इस बात से पता चलता है अगर आलोक वर्मा चुप रहकर काम करते रहते तो उन्हें कोई नुकसान नही होता लेकिन उन्होंने ईमानदारी दिखाई तो उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया गया।
खैर शाह फ़ैसल की बात पर वापिस आते है शाह फ़ैसल ने एक ट्वीट किया जो विवादित बन गया।

वो ट्वीट था

Patriarchy+Population+Illiteracy+Alcohol+Porn+Technology+Anarchy = Rapistan!

— Shah Faesal (@shahfaesal) April 22, 2018

इस ट्वीट में उन्होंने बढ़ती जनसंख्या, निरक्षरता, शराब व तकनीक के मिश्रण को रेपीस्तान का नाम दिया। अर्थात ये सब चीजें जिम्मेवार है जो रेप को बढ़ावा देते है। उनका यह कहना बहुत हद तक सही है निरक्षरता बहुत बड़ा अभिशाप है और निरक्षर व्यक्ति तकनीक का गलत उपयोग ज्यादा करता है या गलत तरीके से करता है।
यह ट्वीट करते ही ट्वीटर पर हमले की बाढ़ आ गई लेकिन शाह फ़ैसल यही नही रुके उन्होंने कहा कि जो भी कहा है मैं उससे नही भाग रहा क्योंकि जिस लड़की का बलात्कार हुआ उसमें मैं अपनी बेटी को देखता हूँ और यह बहुत भयानक है कि हमारी बेटियाँ सुरक्षित नही है।
इसके बाद समय समय पर डॉ फ़ैसल ने जम्मू कश्मीर के विभिन्न मुद्दों पर अपनी बात बेबाकी से रखी। उन्होंने भटके युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने की बात की। लेकिन समय के साथ साथ उन पर जुबानी हमले भी बढ़ते गए और दवाब भी बढ़ता गया।
आखिरकार वही हुआ जो हर अधिकारी करता है उन्होंने भी स्वेच्छा से रिटायरमेंट ले लिया और समाज सेवा करने की इच्छा जताई। साथ ही यह भी जता दिया कि वे राजनीति में भी आ सकते है।
उनका राजनीति में भी स्वागत है लेकिन वहां भी उनके हाथ बांधे जाएंगे लेकिन इतना तो साफ है कि ये युवा राजनीति की गंदगी काफी हद तक साफ करेगा। क्योंकि जो एक बलात्कार पीड़ित में अपनी बेटी को देख सकता है वो कभी गलत नही हो सकता।
आइये उनके इस फैसले का स्वागत करें क्या पता ये युवा उस कश्मीर मुद्दे का हल निकाल सकें जो सालों से दूसरी पार्टियां नही कर पा रही।
जय हिंद जय भारत
योगेश ठाकुर

आम खास का न्याय….

कुछ सत्य दब जाते है, कुछ झूठ उभर आते है।इंसाफ की इस लड़ाई में गुनहगार जीत जाते हैं ।।
अन्याय की इस जीत में, पीड़ित की आँखों में आंसू ,

और दोषी गीत ख़ुशी का गाते हैं ।।
एक गरीब को भी दर्द होता है ये क्यों नही वो समझ पाते हैं ।

खुला घूमता है दरिंदा सड़क पे और प्रश्न बेटी पर उठाए जाते है ।।
ये तो बापू (महात्मा गांधी) का न्याय नही था जिसमें,

लाचार पिसता जाता है और अत्याचार हँसता जाता हैं ।।
आखिर क्यों हम उसे इन्साफ नही दिला सकते।

आम-ताकतवर के न्याय का फर्क क्यों नही मिटा सकते।।

@TheYogeshThakur

#WorldPoetryDay #JNU #Injustice

सुख दुःख… और खुशी

सच कहें तो सुख तो है ही नही दुनिया में। जिस सुख के पीछे सब भागते है वो किसे मिला आजतक ? किसी को नही ! सुख के बजाय खुशी ढूँढ़ो जो हमारे आसपास है, लेकिन हम खुद को परेशानियों से घेर लेते है जिससे हम खुशी देख नही पाते। सबसे खुश कौन है जो संतुष्ट है, संतुष्ट कौन है जिसने जिंगदी का सार समझ लिया या यूं कहें जिंदगी को समझ लिया। जिंदगी को समझना आसान नही,पर मुश्किल भी नही। भटकना ,दौड़ना,पढ़ना -लिखना, भागना ,ईष्या, जलन सब जिंदगी की जरूरतें है सब एक हद तक ठीक है जब हद पार हो फिर वही दुख, तनाव और खुशी से दूरी। हर बात हर चीज के दो पहलू होते है एक तरफ खुशी एक तरह वही तनाव,परेशानी। हर चीज में खुशी का वो पहलू ढूँढ़ो। जिसे ऐसा करना आ गया समझो जीना आ गया।